10 Facts About Pumpkin That Will Instantly Put You in a Good Mood

10 amazing facts about pumpkin in Hindi 



कद्दू से जुड़े 10 महत्वपूर्ण तथ्य व उसके औषधीय गुण:



कद्दू सुनते ही हंसी से आ जाती है। अकसर मोटे लोगों का मज़ाक उड़ाने के लिए और छोटे बच्चों को प्यार से हम कद्दू कह देते हैं। इसे काशीफल भी कहा जाता है, ज़्यादातर लोग इसे पसंद नहीं करते, ना ही ये कोई बहुत मेहेँगी सब्ज़ी है पर ये होता बहुत ही लाभकारी है। प्रकृति ने अपनी इस 'गोल-मटोल' देन में कई तरह के औषधीय गुण समेटे हैं। इसका सेवन स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है। इस में 'पेट' से लेकर 'दिल' तक की कई बीमारियों के इलाज की क्षमता है। आइये जानें..

कद्दू के औषधीय गुण


कद्दू में सेचुरेटेड फैट नहीं पाया जाता। इससे शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम बनी रहती और दिल सेहतमंद रहता है। इसमें पाए जाने वाले डायटरी फाइबर से पेट की बीमारियों में आराम मिलता है।

एंटीऑक्‍सीडेंट से भरा


कद्दू में मुख्य रूप से बीटा केरोटीन पाया जाता है, जिससे विटामिन ए मिलता है। पीले और संतरी कद्दू में केरोटीन की मात्रा अपेक्षाकृत ज्यादा होती है। बीटा केरोटीन एंटीऑक्सीडेंट होता है जो शरीर में फ्री रैडिकल से निपटने में मदद करता है।

ठंडक पहुंचाए
कद्दू ठंडक पहुंचाने वाला होता है। इसे डंठल की ओर से काटकर तलवों पर रगड़ने से शरीर की गर्मी खत्म होती है। कद्दू लंबे समय के बुखार में भी असरकारी होता है। इससे बदन की हरारत या उसका आभास दूर होता है।

कद्दू का जूस
इसका उपयोग भरपूर मात्रा में करें, क्योंकि इसमें बड़ी मात्रा में पाया जाने वाला जिंक ऑस्टियोपोरोसिस से सुरक्षा दिलाने काम करता है। ऑस्टियोपोरोसिस में हड्डियाँ खोखली हो जाती हैं और यह जिंक की कमी के कारण होता है। इस बीमारी में कद्दू के बीज का अधिक मात्रा में सेवन करें।

मन को शांति पहुंचाए
कद्दू में कुछ ऐसे मिनरल्‍स होते हैं जो दिमाग की नसों को आराम पहुंचाते हैं। अगर आपको रिलैक्‍स होना है तो आप कद्दू खा सकते हैं।

हृदयरोगियों के लिये
आहार विशेषज्ञों का कहना है कि कद्दू हृदयरोगियों के लिए अत्यंत लाभदायक है। यह कोलेस्ट्राल कम करता है, ठंडक पहुंचाने वाला और फायदेमंद होता है।

डाइयबिटीस के रोगियों के लिए भी लाभदायक
कद्दू रक्त में शर्करा की मात्रा को नियंत्रित करता है और अग्न्याशय को सक्रिय करता है। इसी कारण चिकित्सक मधुमेह रोगियों को कद्दू खाने की सलाह देते हैं। इसका रस भी स्वास्थ्यवर्धक माना गया है। लोगों में यह भी गलत धारणा है कि कद्दू मीठा होता है इसलिये इसे मधुमेह रोगी नहीं खा सकते। यह बात बिल्‍कुल गलत है। शरीर के इन्‍सुलिन लेवल को बढाना कद्दू का काम होता है।

आयरन से भरपूर
कई महिलाओं में आयरन की कमी हो जाती है जिससे उन्‍हें एनीमिया हो जाता है। तो ऐसे में कद्दू सस्‍ता भी पड़ता है और पौष्टिक भी होता है। कद्दू के बीज भी आयरन, जिंक, पोटेशियम और मैग्नीशियम के अच्छे स्रोत हैं।

स्किन और बालों के लिए
इसमें पाया जाने वाला विटामिन ए बहुत ही लाभकारी होता है। इससे शरीर में एंटीऑक्सिडेंट की मात्रा में इजाफा होता है। ऐसा होने से आपकी स्किन और बालों की सेहत बेहतर रहती है।

त्वचा के लिए
कद्दू में जीआ स्कैनटिन नामक एंटीऑक्सिडेंट पाया जाता है। यह अल्ट्रा वायलेट किरणों से होने वाले नुकसान से बचाता है। इससे त्वचा के नए सेल्स बनने लगते हैं।

कद्दू के बीज के गुण
कद्दू के बीज भी बहुत गुणकारी होते हैं। कद्दू व इसके बीज विटामिन सी और ई, आयरन, कैलशियम मैग्नीशियम, फॉसफोरस, पोटैशियम, जिंक, प्रोटीन और फाइबर आदि के भी अच्छे स्रोत होते हैं। यह बलवर्धक, रक्त एवं पेट साफ करता है, पित्त व वायु विकार दूर करता है और मस्तिष्क के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है।

कद्दू के छिलके में भी जादू
प्रयोगों में पाया गया है कि कद्दू के छिलके में भी एंटीबैक्टीरिया तत्व होता है जो संक्रमण फैलाने वाले जीवाणुओं से रक्षा करता है। शायद इन्हीं खूबियों की वजह से कद्दू को प्राचीन काल से ही गुणों की खान माना जाता रहा है।

कद्दू को क्यूं दिया जाता है महत्व
हमारे पूर्वजों ने भी कद्दू के इन औषधीय गुणों को बहुत पहले ही पहचान लिया था और यही कारण है कि हमारे देश में, खासतौर पर उत्तर भारत के खान-पान में, इसे विशेष महत्व दिया जाता है। भारत में कद्दू की कई प्रजातियां पाई जाती हैं जिन्हें उनके आकार-प्रकार और गूदे के आधार पर मुख्य रूप से सीताफल, चपन कद्दू और विलायती कद्दू के वर्गों में बांटा जाता है।

हमारे यहां विवाह जैसे मांगलिक अवसरों पर कद्दू की सब्जी और हलवा आदि बनाना-खाना शुभ माना जाता है। उपवास के दिनों में फलाहार के रूप में भी इससे बने विशेष पकवानों का सेवन किया जाता है।

दिमाग के लिए है उपयोगी
कद्दू मस्तिष्क को बल व शांति प्रदान करता है। यह निद्राजनक है। इसलिए अनेक मनोविकार जैसे मिर्गी(एपिलेप्सी), अनिद्रा, गुस्सा, डिप्रेशन, असंतुलन तथा मस्तिष्क की दुर्बलता में अत्यन्त लाभदायी है। इससे बुद्धि की क्षमता बढ़ती है। चंचलता, चिड़चिड़ापन, अनिद्रा आदि दूर होकर मन शांत हो जाता है।

दिल के रोगियों के लिए वरदान
कुम्हड़ा रक्तवाहिनियों व हृदय की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और अच्छे रक्त का निर्माण करता है। आंतरिक जलन, अत्यधिक प्यास, एसिडिटी, पुराना बुखार आदि में कद्दू का रस और सब्जी दोनो उपयोगी हैं।

केंसर से बचाव
अंग्रजी दवाइयों तथा रासायनिक खाद द्वारा उगायी गयी सब्जियाँ, फल और अनाज के सेवन से शरीर में विषैले तत्व का संचय होने लगता है, जो कैंसर के फैलाव का मुख्य कारण है। कद्दू में ऐसे विषों को नष्ट करने की शक्ति है।




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